ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की किचन का वास्तु परिवार के सभी सुख, शांति और समृद्धि का सबसे बड़ा स्रोत है। इसीलिए कहा जाता है कि घर में खाना बनाने के लिए एक कमरा अलग और पूरी तरह से साफ होना चाहिए।

वास्तु उपाय: कही आपकी किचन तो आपकी आर्थिक समस्या का कारण तो नहीं?

घर की रसोई का प्रभाव परिवार के सदस्‍यों के स्‍वास्‍थ्‍य और आर्थिक स्थिति पर बहुत पड़ता है। अगर आप अपने घर की रसोई को इन छोटी-छोटी गलतियों से नहीं बचाते हैं तो कुछ ही दिनों में परिवार का सुख, शांति और समृद्धि नष्ट होने लगती है।  

वास्तु के अनुसार रसोई की दिशा कौन सी होनी चाहिए? 

वास्तु विज्ञान के अनुसार आग्नेय कोण में रसोई का होना शुभ माना जाता है। ऐसा ना होने पर विपरीत परिणाम मिलते है, घर के सदस्यों का स्वास्थ ख़राब रहता है खासकर के महिलाओं के स्वास्थ्य पर अधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। तथा अन्न और धन की भी हानि होने लगती है, वह घर के सदस्यों को पाचन संबंधी कई बीमारियां का सामना करना पड़ सकता हैं।

जिस घर में रसोई दक्षिण-पूर्व यानि आग्नेय कोण में नहीं है, वहां वास्तु दोष को दूर करने के लिए रसोई घर के उत्तर-पूर्व यानी उत्तर-पूर्व में सिंदूरी गणेशजी का चित्र लगाना चाहिए। अगर आपका किचन बिना अग्नि कोण के किसी और दिशा में बना है तो वहां यज्ञ करते समय ऋषियों की मूर्ति लगाएं।

चूल्हे का चबूतरा पूर्व और दक्षिण से घिरा होना चाहिए। वॉश बेसिन उत्तर दिशा में होना चाहिए। भोजन बनाते समय मुख पूर्व की ओर होना चाहिए न कि उत्तर और दक्षिण की ओर।

वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन में इन बातों का ध्यान रखे।

वास्तु के अनुसार घर के किचन में कभी भी पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके खाना नहीं बनाना चाहिए, ऐसा करने से घर के सदस्यों को त्वचा और हड्डियों के रोग हो सकते हैं।

उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भी रसोई में खाना बनाने से बचना चाहिए, जो लोग यह गलती करते हैं, उनके घर में व्यापार या धन से संबंधित नुकसान होता है।

कभी भी दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाने की गलती नहीं करनी चाहिए। अगर कोई ऐसा करता है तो निश्चित ही उसके घर की सुख शांति भंग होगी और घर में लड़ाई-झगड़े भी होंगे।

अगर आपके किचन में खिड़की पूर्व दिशा की ओर है तो यह सबसे शुभ माना जाता है, साथ ही घर में कभी भी भोजन की कमी नहीं होती है।

रसोई घर में हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाना चाहिए, वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को परिवार के सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा माना गया है।

अगर घर की महिला दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाती है तो इससे उसकी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है और उसके शरीर में कई तरह के रोग होने लगते हैं।

इस बात का ध्यान रखें कि आपके किचन के नल से पानी कभी न टपके। जिन घरों में ऐसा होता है वहां धन की हानि होती है, इसलिए किचन में लगे हुए इस तरह के खराब नलों को तत्काल बदल देना चाहिए।

किचन रूम में कभी भी झाड़ू, पोछा और चप्पल न रखें, ऐसा करने से अन्नपूर्णा देवी क्रोधित हो जाती हैं और घर में हमेशा भोजन की कमी बनी रहती है।

जब भी आप रसोई में खाना पकाते हैं तो स्नान कर भोजन तैयार करना चाहिए, जहां लक्ष्मी का प्रवेश घर में नहीं होता है वहां धन की कमी होती है।

इस बात का ध्यान रखें कि किचन में कभी भी हाथ धोना या धोना नहीं चाहिए, ऐसा करना अशुभ माना जाता है. इस काम से घर में बीमारियां फैलने का खतरा रहता है और धन की हानि भी होती है।

वास्तु के अनुसार किचन कैसा होना चाहिए? 

किचन खुला और चौकोर होना चाहिए, तथा फर्श और दीवारों का रंग पीला, नारंगी या गेरू रखें लेकिन आसमानी रंगों के प्रयोग से बचें। किचन में हरे, महरून या सफेद रंग के पत्थरों का इस्तेमाल भी कर सकते है।

किचन आग्नेय कोण में होना चाहिए, पूर्व दिशा में खिड़की और रोशनी होनी चाहिए, ईशान कोण में पानी रखने की जगह बनाएं। किचन में पूजा का स्थान बनाना शुभ नहीं होता है, तथा किचन के पास कभी भी बाथरूम या टॉयलेट न बनाएं।

रसोई में टूटे बर्तन, अटाला या झाडू न रखें, किचन में एग्जॉस्ट फैन जरूर लगाएं तथा यह ध्यान रखे की सिंक और स्टोव एक साथ नहीं होना चाहिए और स्टोव खिड़की के नीचे भी ना हो, चूल्हे के ऊपर किसी भी प्रकार का शेल्फ नहीं होना चाहिए।

वास्तु के अनुसार किचन में कैसे बर्तन रखें?

किचन में स्टील या लोहे के बर्तनों की जगह पीतल, तांबे, कांसे और चांदी के बर्तनो को रखना शुभ माना जाता है।

पीतल के बर्तन में खाना खाना, तांबे के बर्तन में पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। बाल्टी और कटोरा पीतल का होना चाहिए तथा तांबे का एक घड़ा भी रखें।

पीतल और तांबे घर में सकारात्मक और शांतिपूर्ण ऊर्जा का निर्माण करते है, लेकिन यह ध्यान रहे की तांबे के बर्तन में खाना वर्जित होता है।

किचन में प्लास्टिक के बर्तन या डिब्बे कम से कम रखे क्योकि यह आपके किचन की ऊर्जा को भी खराब करता है, साथ ही इसका प्रतिकूल असर आपकी सेहत पर भी पड़ता है। कौशिस करे अधिक से अधिक कांच के बर्तन हो। 

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