भगवान गणेश जी को सभी देवताओं में प्रथम पूज्य माना गया है। बुधवार का दिन विशेष रूप से गणेश को ही समर्पित होता है, इसलिए इस दिन गणेश मंत्रों का जाप सभी संकटो को दूर करने वाला होता हैं। भगवान गणेश जी सभी विघ्नो को दूर करने वाले है, इसलिए सभी गणेश भक्त बप्पा की पूजा-अर्चना को बड़े ही श्रद्धा भाव से करते हैं साथ ही उनकी आरती भी करते है। 


भगवान गणेश जी की आरती, हिंदी में।


श्लोक:- 


गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।

उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥


भगवान गणेश जी की आरती - 


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥


एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥


पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥


अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥


'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥


दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥


जय भगवान गणेश 


भगवान गणेश जी की आरती PDF में डाउनलोड करें 



और पढ़े 

Post a Comment

Plz do not enter any spam link in the comment box.

और नया पुराने