योग हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति का एक हिस्सा है, योग आपको शारीरिक व मानसिक दोनों तरह से फिट रखता है। योग करने से शरीर तो मजबूत होता ही है साथ ही साथ मांसपेशियां भी टोन होती है और आपका वजन भी कम हो जाता है।
वजन कम करने के लिए लाभकारी योगासन कौन से है।
योग ना सिर्फ शरीर पर जमा चर्बी को कम करता हैं बल्कि शरीर को लचीला भी बनाता हैं जिससे आप हमेशा स्वस्थ रहते हैं। नियमित रूप से योग करने से आप वजन कम करने के साथ शाररिक रूप से शेप में भी आ जाते हैं।
धनुरासन
इस योग आसन में शरीर की आकृति सामान्य तौर पर खिंचे हुए धनुष के समान हो जाती है, इसीलिए इसे धनुरासन कहते हैं। धनुरासन से पेट की चरबी कम होती है। इससे सभी आंतरिक अंगों, मांसपेशियों और जोड़ों का व्यायाम हो जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाये। फिर दोनों पैर आपस में एक-दूसरे से जोड़ें। दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें। घुटनों तथा पंजों के बीच में एक फुट का अंतर रख कर दोनों पैरों के टखनों को हाथों से पकड़ें। हाथों के सहारे दोनों पैरों के घुटने, जांघ तथा धड़ को सुविधानुसार एवं क्षमतानुसार ऊपर उठाएं। श्वास-प्रश्वास सहज रखें। इस स्थिति में आरामदायक अवधि तक रुक कर वापस पूर्व स्थिति में आएं।
पश्चिमोत्तानासन
यह आसन पेट की चर्बी घटाने में काफी कारगर है। इस आसन से शरीर की सभी मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है। इसे करने के लिए पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं अब हथेलियों को घुटनों पर रखकर सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं व कमर को सीधा कर ऊपर की ओर खींचे, अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें व हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़कर माथे को घुटनों पर लगा दें। ध्यान रखें कि घुटने मुड़ने नहीं चाहिए। और कोहनियों को जमीन पर लगाने का प्रयास करें।
भुजंगासन
पेट की चर्बी कम करने, कमर पतली करने और कंधे चौड़े व बाजू मजबूत करने में यह आसन बहुत फायदेमंद होता हैं। शरीर को लचीला और सुडौल बनाने में इसका बहुत महत्व है। भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहते हैं। क्योंकि यह दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसा पॉस्चर बनाता है। इसे करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, लेकिन कोहनी आपकी मुड़ी होनी चाहिए। हथेली खुली और जमीन पर फैली हो। अब शरीर के बाकी हिस्सों को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर करें। कुछ समय के लिए इस मुद्रा में यूं ही रहें।
पूर्वोत्तानासन
इस आसन से चर्बी घटाने में आसानी होती है। यह शरीर के निचले भाग और बाजुओं को सुडौल बनाने के लिए अच्छा आसन है। इससे शरीर लचीला रहता है। इसे करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को सामने की ओर सीधे फैलाकर बैठ जाएं। यह ध्यान रखें कि आपके पंजे ठीक से आपस में जुड़े हुऐ और रीढ़ की हड्डी बिलकुल सीधी होनी चाहिए। अब अपने दोनों हाथों को जमीन पर ठीक से टिकाकर अपनी कमर के निचले हिस्से को धीरे से ऊपर की ओर उठाएं। तथा कुछ सेकंड तक शरीर को इसी अवस्था में रहने दे इसके बाद वापस अपनी सामान्य अवस्था में आ जाएं।
कपालभाति
कपालभाति प्राणायाम को करने से पेट की चर्बी बहुत तेजी से कम होती है। इसे करने के लिए सबसे पहले ध्यान मुद्रा के साथ किसी भी आसन में बैठ जाएं। फिर दोनों हथेलियों को घुटनों पर ज्ञान की मुद्रा में रखें। आंखों को हल्का बंद करें। उसके बाद नासिका से एक हल्के से झटके से श्वास को बाहर निकालें तथा नासिका द्वारा सहज तरीके से श्वास को अंदर लें। यह कपालभाति करने की एक आवृत्ति है। अब इसकी ऐसी 25 आवृत्तियों का एक चक्र पूरा करें। एक चक्र पूरा होने के बाद दो-तीन गहरी श्वास लेकर दूसरे चक्र का अभ्यास प्रारम्भ करें। तथा इसीप्रकार धीरे-धीरे चक्रों की संख्या को बढ़ाते जाएं।
बालासन
इस आसन को करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पेट की चर्बी घटती है। शरीर के भीतरी अंगो में लचीलापन लाता है। शरीर और दिमाग को शांति देता है। इसके अलावा यह घुटनों और मासपेशियों को स्ट्रेच करता है। इसे करने के लिए घुटने के बल जमीन पर बैठ जाएं और शरीर का सारा भाग एड़ियों पर डालें। गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। ध्यान रखें कि आपका सीना जांघों से छूना चाहिए, अब अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड इस अवस्था में रहें और वापस उसी अवस्था में आ जाएं।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन योगाभ्यास में ऊंट की आकृति को बनाया जाता है। इसी कारण इसे उष्ट्रासन कहा जाता है। यदि आपका पेट ज्यादा अधिक निकला है तो इस योग के प्रयोग से आपके पेट, कमर, छाती तथा बाहों पर असर पड़ेगा। इसे करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठकर अपने घुटनों के बल खड़े हो जाये। तथा घुटनों से कमर तक का भाग बिलकुल सीधा रखें व अपनी पीठ को पीछे की ओर मोड़कर अपने दोनों हाथों से पैरों की एड़ियां को पकड़ लें। अब अपने सिर को पीछे की आरे झुका दें।
अग्निसार
यह क्रिया पाचन प्रक्रिया को गतिशील कर उसे मजबूत बनाती है। इसके साथ ही पेट की चर्बी घटाकर मोटापे को दूर करती है तथा यह कब्ज में भी लाभदायक होता है। इस प्राणायाम को खड़े होकर, बैठकर या लेटकर तीनों तरह से किया जा सकता है। बैठ कर करने के लिए सिद्धासन में बैठकर दोनों हाथ को दोनों घुटनों पर रखकर किया जा सकता है। इसे करने के लिए खड़े होकर पैरों को थोड़ा खोलकर हाथों को जंघाओं पर रखें। सांस को बाहर रोक दें। फिर पेट की पंपिंग करें यानी पेट अंदर खींचें, फिर छोड़ें।
तितली आसन
तितली आसन करते समय मुद्रा तितली के समान हो जाती है। इसलिए इस आसन को तितली आसन कहते हैं। यह योग पेट और जांघ पर असर डालता है। यदि आपको जांघों और पैरों पर ज्यादा चर्बी है तो इस आसन को जरुर करें। इसे करने के लिए दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर तलुओं को आपस में मिलाकर एड़ियों को अधिक से अधिक निकट लाएं। हाथों से घुटनों को पकड़कर घुटनों को ऊपर उठाकर आपस में मिलाएं व नीचे जमीन की ओर दबाएं। 3-4 बार इस अभ्यास को कर लें।
उर्ध्वहस्तोत्तानासन
अगर आप पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं तो आपके लिए उर्ध्वहस्तोत्तानासन बहुत बढि़या आसन हैं। इससे पेट की चर्बी, कमर और नितम्ब की चर्बी कम होती है। इससे आपकी कमर पतली और फिगर में आएगी। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ कर कब्ज की शिकायत को दूर भी करता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े होकर अपने पैरों को थोड़ा खोल लें। तथा हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर अपने सिर के ऊपर उठा लें। फिर सांस को धीरे से निकालें और कमर को अपने लेफ्ट साइड में झुका लें। दूसरी ओर से भी इसी प्रकार करें।
अंत में निष्कर्ष
योग हमारी भारतीय संस्कृति में रूप और शरीर का कायाकल्प करने के लिए अति लाभकारी माना गया है, जो लोग मोटे होते हैं और अपना वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिये योग एक दिव्य चिकित्सा की तरह है। अच्छी तरह से लचीला, स्वस्थ शरीर और तनाव मुक्त दिमाग के लिए योग एक सदियों पुराना सबसे कारगर उपचार है। यह न केवल वजन घटाने में सहायक होता है, बल्कि संतुलित शारीरिक और मानसिक भलाई को भी बढ़ावा देता है।
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