आरोग्य सेतु ऐप कैसे Corona Trekking मे काम करता है
आरोग्य सेतु App को आप सभी आईओएस/IOS और एंड्रॉयड/Android उपकरणों पर आसानी से डाउनलोड कर सकते है और ये एक दम फ़्री App है, जो Corona Trekking मे काम करता है। भारत सरकार की पहल पर इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लॉन्च किया गया है, इस ऐप में सबसे पहले यूज़र को ख़ुद अपना मूल्यांकन करना होता है।
सबसे पहले इस App को Active करने के लिये, इस ऐप में आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा और फिर उसी नंबर पर आए ओटीपी (OTP) से आप इसका इस्तेमाल आसानी से कर पाएँगे। जैसे-जैसे आप इस App में आगे बढ़ते जाएँगे यह आपका Gender, उम्र, विदेश यात्रा का इतिहास सर्दी, खाँसी और ज़ुकाम जैसी चीज़ों के बारे में आपसे हाँ या ना जैसे कुछ सवालो को पूछेगा।
App आपसे आपके बारे मे डायबिटीज़ (मधुमेह) या हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) के किसी इतिहास के बारे में भी जानकारी जुटाएगा। App में कई बार आपको सही जानकारी दर्ज़ करने की बात दोहराई जाती रहेगी।
इससे जुड़ा एक सवाल ये भी है कि अगर किसी एक व्यक्ति या कई व्यक्तियों ने दर्ज करते समय कोई जानकारी छुपा ली तब उसकी पड़ताल कैसे की जायगी। इसलिये यह हमारी जिम्मेदारी है की इस App मे Register करते समय हम सही जानकारी दे, ताकि अगर आप किसी कारण वश Corona से संक्रमित हो गये तो यह जानकारी आपके इलाज में Doctors के लिये साहयक होगी।
इस App में सोशल डिस्टेंसिंग के मायने और तरीक़ों की विस्तृत जानकारी के अलावा कोविड-19 से जुड़े सभी ताज़ा अपडेट्स भी आते रहते हैं। इसमें सबसे ख़ास बात ये है कि आरोग्य सेतु App ब्लूटूथ तकनीक और जीपीएस (GPS) के ज़रिए आपकी मौजूदा लोकेशन का इस्तेमाल करने के बाद ही ये ट्रैक कर सकता है, कि कहीं आप किसी कोरोना-संक्रमित मरीज़ या कोरोना संक्रमण के शक़ वाले मरीज़ के पास तो नहीं हैं।
अगर आप किसी Corona Positive व्यक्ति के सम्पर्क में आ जाते है और आपका Mobile का Bluetooth On होगा तो उस वयक्ति के Mobile मे आपकी जानकारी दर्ज़ हो जायगी जिससे सरकार को यह पता चल जाता है की कौन कौन वयक्ति उस Corona Positive वाले वयक्ति के संपर्क में आया है जिससे आपको सचेत किया जा सकता है।
तथा सरकार इस App के जरिये से सभी वयक्तियो को Trek कर सकती है, जिससे इसकी Chain Reaction को समझने में मदद मिलती है। साथ ही अगर आप ज़रूरत के समय में वॉलंटियर या स्वयंसेवक बनना चाहते हैं तो आप ऐप में ये जानकारी भी दर्ज कर सकते हैं।
आरोग्य सेतु ऐप के अलावा और क्या करें?
इस App के इस्तेमाल के अलावा, आप अपने को और अपने परिवार को इस जानलेवा वायरस से बचाने के लिए सुरक्षा के सभी उपाय अपनाएं और सरकार द्वारा निर्देशित सभी दिशानिर्देशों का पालन करें। अपने हाथों को दिन में कई बार साबुन से साफ करें, और घर की सतह को सैनीटाइज़ करते रहे और जब तक ज़रूरी न हो, घर के बाहर न जाएं। अगर आपके घर में किसी को या आपको खुद कोरोना वायरस के लक्षण महसूस हों रहे है, तो मास्क को ज़रूर पहनें। साथ ही छोटे बच्चों, बुज़ुर्गों और पहले से बीमार लोगों का खास ख्याल रखें।
कोरोना वायरस का नाम कोरोना ही क्यों रखा गया है?
कोरोना शब्द का लैटिन भाषा में मतलब होता है Crown या मुकुट. 'कोरोना' प्लाज्मा की एक आभा को भी कहा जाता है इस तरह की आभा सूर्य और अन्य सितारों के चारों ओर भी होती है। सूर्य का Corona बाहरी अंतरिक्ष में कई लाखों किलोमीटर तक फैला होता है और इसे हम सबसे आसानी से पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान देख सकते है, लेकिन इसे कोरोनोग्राफ की मदद से और भी अधिक साफ-साफ देखा जा सकता है।
जब वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के जरिये देखा तो उन्हें यह वायरस, एक क्राउन या सूर्य के Corona जैसा दिखाई दिया। चूकि, यह वायरस गोल है और इसकी सतह पर सूर्य के Corona की तरह प्रोटीन की स्टेन्स यानी शाखाएं उगी हुई हैं, जो हर दिशा में फैलती हुई महसूस होती हैं ठीक वैसे ही जैसी कि सूर्य की आभा की किरणें फैली हुई होती है, इसी कारण वैज्ञानिको द्वारा इसका नाम कोरोना रखा गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने को कोरोना वायरस का आधिकारिक नाम 11 फरवरी, 2020 को "COVID-19" रखा था। इसमें 'CO' का मतलब कोरोना 'VI' का वायरस 'D' का मतलब डिजीज और 19 इसलिए जोड़ा गया है क्योंकि इसका पहली बार पता वर्ष 2019 में ही लगा था। उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि कोरोना वायरस का नाम कैसे रखा गया है और "COVID-19" शब्द किन-किन शब्दों से मिलकर बना है, और इसका क्या अर्थ है।
अंत में निष्कर्ष
भारत सरकार इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सभी प्रकार के आवश्यक कदमो को उठा रही है। स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये सबसे महत्वपूर्ण कारक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई सलाहो के अनुसार सावधानी रखे और COVID-19 संबंधित लक्षण विकसित होने पर अपने निकटतम परीक्षण केंद्र पर जाएं। जब आवश्यक हो तभी बाहर निकले नहीं तो घर में रहें और सुरक्षित रहें।
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